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Agriculture Current Affair July-2024

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दालों का उत्पादन –दालों का उत्पादन 2015-16 के दौरान 163.23 लाख टन से बढ़कर 2023-24 के दौरान 244.93 लाख टन हो गया है

किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई योजनाएं -भारत सरकार देश में किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम लागू कर रही है। हाल ही में लॉन्च की गई कुछ योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PMKISAN), प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना (पीएम-केएमवाई), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई), एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ), राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और  हनी मिशन (एनबीएचएम), 10,000 एफपीओ का गठन और प्रचार, खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन – ऑयल पाम (एनएमईओ-ओपी) आदि शामिल हैं।    

पीएम-किसान के अंतर्गत वित्तीय सहायता – भूमि-धारक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा फरवरी 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान योजना केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इस योजना के तहत, देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ तीन समान किस्तों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता है। पीएम-किसान योजना दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है।     

किसानों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव –भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने जलवायु अनुकूल कृषि में राष्ट्रीय नवाचार (एनआईसीआरए) नाम से एक प्रमुख नेटवर्क परियोजना शुरू की है। इस परियोजना का उद्देश्य फसलों, पशुधन, बागवानी और मत्स्य पालन सहित कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन करना तथा कृषि में जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों को विकसित और बढ़ावा देना है, जो देश के संवेदनशील क्षेत्रों की समस्याओं से निपटेंगे। इस परियोजना के परिणाम सूखा, बाढ़, पाला, गर्मी की लहरों आदि जैसी चरम मौसम स्थितियों से ग्रस्त जिलों और क्षेत्रों को ऐसी चरम स्थितियों से निपटने में मदद करेंगे।    

उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों के उपयोग को प्रोत्साहन -सरकार किसान ड्रोन, जलवायु की विभिन किस्मों, एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल, सूक्ष्म सिंचाई, सटीक खेती, मिट्टी संबंधी सेंसर, बायोफोर्टिफाइड किस्मों और डिजिटल मार्केटिंग सहित उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों एवं कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देती है। इन तकनीकों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन, नमो ड्रोन दीदी, कृषियोन्नति योजना, कृषि मशीनीकरण से संबंधित उप-मिशन और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छोटे एवं सीमांत किसानों के बीच बढ़ावा दिया जाता है। इन प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने और इनके उपयोग को बढ़ाने हेतु, सरकार ने देश में 731 कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) का एक नेटवर्क स्थापित किया है। ये KVK उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों एवं कार्यप्रणालियों का प्रदर्शन व प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ किसानों की क्षमता के विकास में भी मदद करते हैं।    

प्राकृतिक रबर के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य-प्राकृतिक रबर का मूल्य खुले बाजार में मांग और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित किया जाता है,अंतर्राष्ट्रीय रबर मूल्य घरेलू मूल्यों को भी प्रभावित करता हैसरकार ने प्राकृतिक रबर के आयात को विनियमित करने के उद्देश्य से,30.4.2015 से लागू सूखे रबर के आयात पर शुल्क “20 प्रतिशत या 30 रुपये प्रति किलोग्राम से “25 प्रतिशत या 30 रुपये प्रति किलोग्राम की बाध्य दर तक, जो भी कम हो बढ़ा दिया हैसरकार ने अग्रिम लाइसेंसिंग योजना के अंतर्गत आयातित सूखे रबर के उपयोग की अवधि को जनवरी 2015 में 18 महीने से घटाकर 6 महीने कर दिया थाजनवरी 2016 में प्राकृतिक रबर के आयात के लिए प्रवेश के बंदरगाह को चेन्नई और न्हावाशेवा के बंदरगाहों तक ही सीमित कर दिया गया था।

किसान उत्पादक संगठनों में महिलाओं की भागीदारी -नए एफपीओ बनाने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार केंद्रीय क्षेत्र योजना, “10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन और संवर्धन” को  लागू कर रही है। 22 जुलाई 2024 तक, 14 कार्यान्वयन एजेंसियों (आईए) को 10,000 एफपीओ आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 8780 एफपीओ पूरे देश में पंजीकृत हो चुके हैं। 22 जुलाई 2024 तक, उक्त योजना के तहत 810 एफपीओ को 100 प्रतिशत महिला सदस्य एफपीओ के रूप में पंजीकृत किया गया है। इसके अलावा, एफपीओ में कुल 19,82,835 किसानों के पंजीकरण में से 6,86,665 महिला किसान हैं।     

कृषि क्षेत्र में कार्बन ट्रेडिंग तंत्र -कार्बन ट्रेडिंग तंत्र के कार्यान्वयन के लिए सरकार ने दिसंबर 2023 में कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना को अधिसूचित किया। कृषि क्षेत्र, कार्बन ट्रेडिंग के ऑफसेट तंत्र के तहत चयनित क्षेत्रों में से एक है। इस योजना के माध्यम से, संस्थाएं/किसान कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्र जारी कराने के लिए जीएचजी शमन परियोजनाओं को पंजीकृत करने में सक्षम होंगे   

देश में कृषि स्टार्ट-अप -राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के “नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम के तहत समर्थित देश में कृषि स्टार्टअप की राज्यवार सूची नीचे दी गई है:“नवाचार और कृषिउद्यमिता विकास” आरकेवीवाई के तहत समर्थित देश में राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में क्षेत्रवार कृषि स्टर्टअप का विवरण

मुद्री शैवाल आधारित जैविक उत्पादों और बायोस्टिमुलेंट्स को प्रोत्साहन -भारत सरकार ने किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बायोस्टिमुलेंट्स की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के तहत बायोस्टिमुलेंट्स को शामिल किया है। समुद्री शैवाल बायोस्टिमुलेंट्स की आठ श्रेणियों में से एक है।                   

750 करोड़ रुपये मिलेगे कृषि उद्यमियों को सरकार जल्द ही शुरू करेगी ‘AgriSURE’ -सरकार जल्द ही स्टार्टअप और कृषि उद्यमियों को सहायता प्रदान करने के लिए ‘स्टार्ट-अप और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष’ (एग्रीश्योर) शुरू करेगी

डेयरी क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ –भारत दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है,प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2024

5,00,000/- (पांच लाख रुपये मात्र) -प्रथम रैंक

3,00,000/- (तीन लाख रुपये मात्र) -दूसरी रैंक और

2,00,000/- (रुपये दो लाख मात्र) -तीसरी रैंक

2,00,000/- (दो लाख रुपये मात्र) -उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) के लिए विशेष पुरस्कार।

2024 के पुरस्कारों के दौरान राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकन 15.07.2024 से शुरू होकर राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल यानी https://awards.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन जमा किए जाएंगे और नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि 31.08.2024 होगी। पुरस्कार राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर, 2024) के अवसर पर प्रदान किए जाने हैं। पात्रता और ऑनलाइन आवेदन करने से संबंधित दिशानिर्देशों के बारे में अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट https://awards.gov.in या https://dahd.nic.in देखी जा सकती है

विश्व जूनोसिस दिवस पर जन-जागरूकता बढ़ाना: सभी पशु रोग जूनोटिक नहीं होते -विश्व जूनोसिस दिवस के उपलक्ष्य में, पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा विश्व जूनोसिस दिवस की पूर्व संध्या पर पशुपालन और डेयरी सचिव (एएचडी) की अध्यक्षता में एक बातचीत सत्र का आयोजन किया गया।जूनोसिस संक्रामक रोग हैं इनका संक्रमण जानवरों से मनुष्यों में हो सकता है, जैसे रेबीज, एंथ्रेक्स, इन्फ्लूएंजा (एच1 एन1 और एच5 एन1), निपाह, कोविड-19, ब्रुसेलोसिस और तपेदिक। ये रोग बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी और कवक फफूंद सहित विभिन्न रोगजनकों के कारण होते हैं।

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