धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
सरकार ने धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिया है खरीफ विपणन सत्र 2024-25: धान की एमएसपी सरकार ने खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2024-25 के लिए धान (सामान्य) और धान (ग्रेड-ए) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) क्रमशः 2300 रुपए और 2320 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। यह एमएसपी निर्धारण किसानों को उचित मूल्य दिलाने और उनकी आय को स्थिर करने के उद्देश्य से किया गया है। धान की खरीद प्रक्रिया के तहत, 01 दिसंबर 2024 तक किसानों को 65,695 करोड़ रुपए की एमएसपी राशि का भुगतान किया जा चुका है। सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करना और उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करना है। धान की एमएसपी में की गई वृद्धि किसानों को प्रोत्साहित करेगी कि वे उच्च गुणवत्ता वाली फसलों का उत्पादन करें। यह कदम कृषि क्षेत्र के विकास और आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। किसानों को एमएसपी का समय पर भुगतान सुनिश्चित करना कृषि क्षेत्र में स्थिरता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह नीति न केवल किसानों के हित में है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत करती है।
गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! समिति सदस्यता एवं उपज बढोत्तरी आवेदन हेतु तिथि बढ़ाई गयी।
गन्ना किसानों के हित में समिति सदस्यता एवं उपज बढोत्तरी हेतु 15 दिन बढ़ायी गयी अंतिम तिथि-गन्ना आयुक्त हमारे अन्य लेख पढे : Agriculture Current Affair August-2024
भारत में कृषि स्टार्ट-अप की संख्या जाने
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के और कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम “नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” आरकेवीवाई के तहत समर्थित देश में राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में क्षेत्रवार कृषि स्टार्ट-अप का विवरण। क्र. सं. राज्य और केंद्रशासित प्रदेश कुल स्टार्टअप की संख्या 1 आंध्र प्रदेश 61 2 अरुणाचल प्रदेश 13 3 असम 49 4 बिहार 48 5 छत्तीसगढ़ 79 6 गोवा 2 7 गुजरात 47 8 हरियाणा 84 9 हिमाचल प्रदेश 33 10 जम्मू-कश्मीर 24 11 झारखंड 7 12 कर्नाटक 211 13 केरल 97 14 मध्य प्रदेश 68 15 महाराष्ट्र 226 16 मणिपुर 22 17 मेघालय 2 18 मिजोरम 25 19 नगालैंड 2 20 ओडिशा 61 21 पंजाब 52 22. राजस्थान 66 23 तमिलनाडु 137 24 तेलंगाना 98 25 त्रिपुरा 13 26 उत्तर प्रदेश 86 27 उत्तराखंड 32 28 पश्चिम बंगाल 17 29 दिल्ली एनसीआर 41 30 अंडमान – निकोबार 1 31 चंडीगढ़ 3 32 पांडिचेरी 1 कुल 1708 कृषि स्टार्ट-अप भारत सरकार कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों में कृषि स्टार्टअप को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम के पोषण के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके नवाचार और कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2018-19 से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत “नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास” कार्यक्रम को लागू कर रहा है। अब तक, कृषि स्टार्टअप के प्रशिक्षण और इनक्यूबेशन तथा इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए 5 नॉलेज पार्टनर्स (केपी) और 24 आरकेवीवाई एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर (आर-एबीआई) स्थापित किए गए हैं। भारत सरकार द्वारा कृषि स्टार्ट-अप को प्रदान की जा रही सहायता कृषि स्टार्ट-अप के फायदे अन्य लेख पढे : 750 करोड़ रुपये मिलेगे कृषि उद्यमियों को सरकार जल्द ही शुरू करेगी ‘AgriSURE’ source: PIB
10 भारतीय राज्य जो राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं
कृषि क्षेत्र: भारत की आर्थिक स्थिरता का आधार भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। विभिन्न राज्यों की अपनी विशिष्ट फसलें और कृषि पद्धतियां हैं, जो राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। आइए, भारत के उन शीर्ष 10 राज्यों पर एक नज़र डालें, जो राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक योगदान देते हैं: 1. उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश अपने विशाल आकार और कृषि उत्पादन के कारण सबसे आगे है। यह राज्य गेहूं, चावल, गन्ना और दालों का प्रमुख उत्पादक है। उत्तर प्रदेश की खेती न केवल राज्य की खाद्य सुरक्षा में बल्कि राष्ट्रीय खाद्य बास्केट में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। 2. पंजाब “भारत का अन्न भंडार” के रूप में प्रसिद्ध, पंजाब गेहूं और चावल उत्पादन में अग्रणी है। यह राज्य उच्च पैदावार और कुशल कृषि पद्धतियों के लिए जाना जाता है। राष्ट्रीय कृषि जीडीपी में इसका योगदान काफी महत्वपूर्ण है। 3. महाराष्ट्र महाराष्ट्र गन्ना, कपास और तिलहन जैसी नकदी फसलों में एक प्रमुख राज्य है। इस राज्य का मजबूत कृषि बुनियादी ढांचा और कृषि-व्यवसाय पर ध्यान राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में इसके योगदान को और बढ़ाता है। 4. मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश सोयाबीन, गेहूं और दालों का प्रमुख उत्पादक है। विविध कृषि परिदृश्य के साथ, यह राज्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और समग्र कृषि जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है। 5. आंध्र प्रदेश आंध्र प्रदेश चावल, गन्ना और कपास उत्पादन में अग्रणी है। इस राज्य में एक अच्छी तरह से विकसित सिंचाई नेटवर्क और कुशल विपणन प्रणालियाँ हैं। ये तत्व राष्ट्रीय कृषि जीडीपी में इसके महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाते हैं। 6. कर्नाटक कर्नाटक का कृषि क्षेत्र न केवल विविध है बल्कि राष्ट्रीय कृषि निर्यात में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह राज्य कॉफी, गन्ना और चावल उत्पादन में अग्रणी है, जो इसके घरेलू उत्पादन के साथ-साथ इसकी स्थिति को और मजबूत करता है। 7. गुजरात गुजरात कपास, मूंगफली और अरंडी के बीजों का प्रमुख उत्पादक है। इस राज्य ने बागवानी और डेयरी खेती में भी उल्लेखनीय प्रगति की है, जो राष्ट्रीय कृषि जीडीपी में लगातार योगदान दे रहा है। 8. राजस्थान हालांकि राजस्थान प्रमुख खाद्यान्न उत्पादक राज्य नहीं है, यह बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है और तिलहन उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। शुष्क वातावरण में अपने लचीलेपन के लिए जाना जाने वाला इसका कृषि क्षेत्र राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 9. तमिलनाडु भारत में नारियल, केला और गन्ने का प्रमुख उत्पादक, तमिलनाडु का नकदी फसल उत्पादन पर ध्यान और एक अच्छी तरह से विकसित सिंचाई प्रणाली राष्ट्रीय कृषि जीडीपी में उल्लेखनीय योगदान करती है। 10. हरियाणा पंजाब की तरह, हरियाणा गेहूं और चावल का प्रमुख उत्पादक है। साथ ही इस राज्य में डेयरी खेती पर भी जोर है। यह राष्ट्रीय कृषि जीडीपी में लगातार योगदान देता है। निष्कर्ष भारत के कृषि क्षेत्र में ये शीर्ष 10 राज्य अपने विशिष्ट योगदान के लिए जाने जाते हैं। उनकी विविधता और उत्पादन क्षमता राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है और खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इन राज्यों के समर्पण और उन्नत कृषि पद्धतियों के कारण, भारत की कृषि अर्थव्यवस्था निरंतर प्रगति कर रही है। हमारे और लेख पढे : Farmer Registry(फार्मर रजिस्ट्री) क्या है जाने
2024-25 के लिए खरीफ फसलों का MSP: किसानों के लिए खुशखबरी
विपणन सत्र 2024-25 के लिए सभी खरीफ फसलों के लिए MSP प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज विपणन सत्र 2024-25 के लिए सभी आवश्यक खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। मोदी सरकार ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के MSP में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। पिछले वर्ष की तुलना में MSP में सबसे अधिक वृद्धि तिलहन और दालों के लिए की गई है, जैसे नाइजरसीड (983 रुपये प्रति क्विंटल), उसके बाद तिल (632 रुपये प्रति क्विंटल) और तुअर/अरहर (550 रुपये प्रति क्विंटल)। क्रम संख्या फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य2024-25 2023-24 की तुलना में 2024-25 में एमएसपी में वृद्धि 1 धान सामान्य ग्रेड ए 2300 2320 117 2 जवार 3371-3421 191-196 3 बाजरा 2625 125 4 रागी 4290 444 5 तुअर /अरहर 7550 550 6 मूंग 8682 124 7 उड़द 7400 450 8 मूंगफली 6783 406 9 सूरजमूखी के बीज 7280 520 10 सोयाबीन (पीला) 4892 292 11 तिल 9267 632 12 नाइजरसीड 8717 983 13 कपास(मीडियम स्टेपल) (लॉन्ग स्टेपल) 7121 7521 501 हाल के वर्षों में, सरकार इन फसलों के लिए उच्च MSP की पेशकश करके अनाज जैसे दालों व तिलहन और पोषक अनाज/श्री अन्न के अलावा अन्य फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। हमारे अन्य लेख पढे : PM KUSUM योजना 2024 के अंतर्गत Solar Pump पर अनुदान हेतु टोकन जनरेट करें source : pib
UP Transfer Policy 2024-2025
UP सरकार ने नई Transfer Policy 2024-2025 को दी मंजूरी, 30 जून तक होगे तबादले उत्तर प्रदेश सरकार ने 11 जून को 2024-25 के लिए नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत समूह क और ख के उन अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाएगा , जिन्होंने जिलो में 3 वर्ष और मंडल में 7 वर्ष पूरे कर लिए हैं। समूह क और ख के अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए अधिकतम 20 प्रतिशत तो वहीं समूह ग और घ के लिए अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा रखी गई है। इस स्थानांतरण नीति के तहत सभी स्थानांतरण आगामी 30 जून तक किए जाएगे । दिए गए लिंक पर जाकर आप शासनादेश डाउनलोड कर सकते है >>>>>>क्लिक>>
बिजली गिरने से पहले भविष्यवाणी कर देगा मोबाइल
बिजली गिरने से पहले भविष्यवाणी कर देगा मोबाइल बिजली गिरने से पहले अब आपकी जान बचाएगी ‘ Damini’ Damini: Lightning Alert बिजली गिरने से पहले भविष्यवाणी कर देगा मोबाइल,Damini को IMDऔर IIT PUNE के विशेषज्ञों ने एक एप बनाया है इस ऐप की मदद से बिजली गिरने के30 से 40 मिनट के पहले ही इसकी चेतावनी हमें मिल जाएगी। इस ऐप का नाम दामिनी (Damini) है जो बिजली गिरने से पहले ही हमें चेतावनी देगा साथ ही इससे बचाव की भी जानकारी देता है। इससे जनहानि से काफी हद तक बचा जा सकता है। यह एप सचेत करता है कि बिजली गिरने वाली है औरआप क्षेत्र से हट जाएं या अंदर चले जाएं,आम जनता के साथ-साथ राज्य सरकार के लिए भी यह एप काफी मददगार हो सकती है। यह ऐप बिजली गिरने की सूचना के साथ ही यह भी बताता है कि किस तरह से सुरक्षा करें और प्राथमिक उपचार करें। खेत में काम करने के दौरान, यात्रा के दौरान, घर के आसपास काम करते समय यदि बिजली गिरने की चेतावनी मिले तो आपको कैसे बचाव करना है इसकी जानकारी चित्र सहित दी जाती है। ऐप खोलने पर आप जिस लोकेशन पर हैं वहां का मैप दिखाने वाला सर्कल आएगा। यह सर्कल 20 किलोमीटर के व्यास में अगले 30-40 मिनट में होने वाली बिजली चेतावनी के बारे में सावधान कर देगा। जिस स्थान पर आप मौजूद हैं वहां बिजली गिरने वाली है या नहीं। इसे गूगल प्ले स्टोर से किसी भी स्मार्ट फोन में डाउनलोड किया जा सकता है। एप डाउनलोड करते ही यह आपके लोकेशन को गूगल के जरिए ट्रेस कर लेता है। इससे 40 किलोमीटर की परिधि में यदि कहीं बिजली चमक रही हो या फिर बिजली गिरने वाली हो तो यह एप आपको बता देगा । इस ऐप में आप अपने लोकेशन का नाम डाल कर वहां की स्थिति की जानकारी ले सकते हैं। अगर वहां पर बिजली गिरने की कोई आशंका होती है तो यह ऐप आपको अंग्रेजी और हिंदी भाषा में पहले ही जानकारी दे देगा। इस ऐप के नीचे 4 ऑप्शन दिए गए हैं जिसमें से इंस्ट्रक्शन में आपको बिजली गिरने पर इससे सुरक्षा कैसे की जाए और प्राथमिक मेडिकल उपचार कैसे करें यह जानकारी भी मिलेगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि दूसरे देशों की तुलना में भारत में बहुत सारे लोग खेती-बाड़ी के कार्यों के लिए अपने-अपने घरों से बाहर निकलते हैं। बिजली गिरने पर उसकी चपेट में आने की आशंका ज्यादा रहती है। यह ऐप खेती-किसानी कामगारों के अलावा सभी लोगों के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। अरब महासागर में भारत का आधा हिस्सा प्रायद्वीपीय की तरह है इसलिए यह मानसूनी हवाएं भारत के एक बहुत बड़े हिस्से पर अपना प्रभाव डालती हैं। इस ऐप के जरिए लोग अपना बेहतर बचाव कर सकते हैं। विभिन्न विभागों द्वारा भी जागरुक किया जा रहा है किसान भाइयो को देखे गन्ना विकास विभाग उत्तर प्रदेश दवारा निकला गया प्रेस नोट इसे आप गूगल प्ले स्टोर Damini से इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं किसान भाइयों और आप सभी को कोई समस्या हो तो आप कमेंट जरूर करें आप का समाधान मेरे द्वारा करने का प्रयास किया जाएगा पढे –Krishi Vigyan Kendras: कृषि विज्ञान केंद्र: भारतीय कृषि में क्रांति
KVKs कृषि विज्ञान केंद्र क्या है
krishi vigyan kendra KVKs कृषि विज्ञान केंद्र भारत मे किसानों को अनुसंधान, विस्तार और शिक्षा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ 1974 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) नामक एक पहल शुरू की गई थी।देश भर में इस कार्यक्रम द्वारा कृषि उत्पादन और स्थिरता को सफलतापूर्वक बढ़ावा दिया गया है।भारत एक कृषि प्रधान देश है, और krishi vigyan kendra किसानों को नयी तकनीक के उपकरणों और विधियों की जानकारी देने मे महत्वपूर्ण कार्य करता है , भारत मे कुल 732 कृषि विज्ञान केंद्र है, भारत का पहला केवीके 1974 में पुडुचेरी में स्थापित किया गया था KVK (कृषि विज्ञान केंद्र) के उद्देश्य: विभिन्न मुद्दों पर किसानों को तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन देना KVK की गतिविधियां और सेवाएं: Krishi Vigyan Kendras (KVKs) in India Krishi Vigyan Kendras No.of KVKs ATARI, Zone I, Ludhiana – 72 KVKs Himachal Pradesh 13 Jammu and Kashmir 20 Ladakh (UT) 04 Punjab 22 Uttarakhand 13 ATARI, Zone II, Jodhpur– 66 KVKs Delhi 01 Haryana 18 Rajasthan 47 ATARI, Zone III, Kanpur– 89 KVKs Uttar Pradesh 89 ATARI, Zone IV, Patna– 68 KVKs Bihar 44 Jharkhand 24 ATARI, Zone V, Kolkata– 59 KVKs A & N Islands 03 Odisha 33 West Bengal 23 ATARI, Zone VI, Guwahati- 47 KVKs Assam 26 Arunachal Pradesh 17 Sikkim 04 ATARI, Zone VII, Barapani– 43 KVKs Manipur 09 Meghalaya 07 Mizoram 08 Nagaland 11 Tripura 08 ATARI, Zone VIII, Pune– 81 KVKs Maharashtra 50 Gujarat 30 Goa 02 ATARI, Zone IX, Jabalpur– 82 KVKs Chattisgarh 28 Madhya Pradesh 54 ATARI, Zone X, Hyderabad– 76 KVKs Tamil Nadu 33 Puducherry 03 Andhra Pradesh 24 Telangana 16 ATARI, Zone XI, Bengaluru– 48 KVKs Karnataka 33 Kerala 14 Lakshadweep 01 Total 732 Source : https://icar.org.in/content/krishi-vigyan-kendra krishi vigyan kendrakrishi vigyan kendrakrishi vigyan kendrakrishi vigyan kendrakrishi vigyan kendra अन्य लेख पढे : College List of Rajashtan for Diploma Animal Husbandry