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फार्मर रजिस्ट्री की वेबसाईट क्या है

फार्मर रजिस्ट्री की वेबसाईट क्या है

फार्मर रजिस्ट्री की वेबसाईट क्या है फार्मर रजिस्ट्री की वेबसाईट क्या है अलग है जाने इस पूरे लेख मे  प्रत्येक भारतीय अपने राज्य के लिए किसान रजिस्ट्री की वेबसाइट को जाने । हमारे किसान भाइयों की सुविधा के लिए प्रत्येक भारतीय राज्य की किसान रजिस्ट्री की वेबसाइट और उसके लिंक इस पोस्ट में दिए गए हैं। वो अपनी फार्मर रजिस्ट्री किसी परेशानी के अपनी प्रधानमंत्री सम्मान निधि प्राप्त कर सकते हैं। आप सभी जानते हैं कि किसान रजिस्ट्री कितनी महत्वपूर्ण हो गई है; इसके बिना किसानों के साथ काम करना मुश्किल होगा। हमें राज्य की वेबसाइट के बारे में बताएं। भारत सरकार ने भारतीय कृषि उद्योग के लिए एग्रीस्टैक नामक एक डिजिटल इकोसिस्टम लॉन्च किया है। इसका लक्ष्य किसानों के लिए एक व्यापक डेटाबेस बनाना है जिसमें उनकी पहचान, आय, ऋण, भूमि रिकॉर्ड, फसल और बीमा इतिहास का डेटा शामिल है। फार्मर रजिस्ट्री की वेबसाईट प्रदेश वार  फार्मर रजिस्ट्री की वेबसाईट क्या है Chhattisgarh Farmer Registryमध्य प्रदेश फार्मर रजिस्ट्रीUttar Pradesh Farmer RegistryGujrat Farmer Registry अन्य प्रदेश के जल्द ही अपडेट होगा किसान भाइयों जुड़े रहिए फार्मर रजिस्ट्री  की वेबसाईट से और जानकारी पाए ।  हमारे अन्य लेख पढे : Farmer Registry(फार्मर रजिस्ट्री) क्या है जाने

Agriculture Current Affair November-2024

Agriculture Current Affair November-2024

Top Best Agriculture Current Affair November-2024 Agriculture Current Affair November-2024 1-वाराणसी में 13वें राष्ट्रीय बीज सम्मेलन का उद्घाटन किया गया । 2- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत स्वतंत्र रूप से कार्य करने वाली एक केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) शुरू करने को मंजूरी दे दी है। इस योजना का 15वें वित्त आयोग (2025-26) तक कुल परिव्यय 2481 करोड़ रुपये (भारत सरकार का हिस्सा- 1584 करोड़ रुपये; राज्य का हिस्सा- 897 करोड़ रुपये) है। 3- कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने केंद्रीय क्षेत्र योजना “नमो ड्रोन दीदी” के परिचालन दिशानिर्देश जारी किए हैं,सरकार ने डीएवाई-एनआरएलएम के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए 1261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रीय योजना ‘नमो ड्रोन दीदी’ को मंजूरी दी है ,इस योजना का लक्ष्य 2024-25 से 2025-26 की अवधि के दौरान 14,500 चयनित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ड्रोन उपलब्ध कराना है जो किराये पर किसानों को कृषि के लिए ड्रोन सेवाएं उपलब्ध करायेंगी 4-मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग 26 नवंबर, 2024 को मानेकशॉ सेंटर, नई दिल्ली में “राष्ट्रीय दुग्ध दिवस” का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम डॉ. वर्गीज कुरियन की 103वीं जयंती के उपलक्ष्य में मनाया गया,जिन्हें “भारत में श्वेत क्रांति के जनक” के रूप में याद किया जाता है। 5-पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2024 विजेताओं की घोषणा की। नाम देखे >>>>>> 6 -विश्व मत्स्य दिवस, 21 नवम्बर को मनाया जाता है। हमारे अन्य लेख पढे : Farmer Registry(फार्मर रजिस्ट्री) क्या है जाने

धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

सरकार ने धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिया है

सरकार ने धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिया है खरीफ विपणन सत्र 2024-25: धान की एमएसपी सरकार ने खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2024-25 के लिए धान (सामान्य) और धान (ग्रेड-ए) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) क्रमशः 2300 रुपए और 2320 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। यह एमएसपी निर्धारण किसानों को उचित मूल्य दिलाने और उनकी आय को स्थिर करने के उद्देश्य से किया गया है। धान की खरीद प्रक्रिया के तहत, 01 दिसंबर 2024 तक किसानों को 65,695 करोड़ रुपए की एमएसपी राशि का भुगतान किया जा चुका है। सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करना और उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करना है। धान की एमएसपी में की गई वृद्धि किसानों को प्रोत्साहित करेगी कि वे उच्च गुणवत्ता वाली फसलों का उत्पादन करें। यह कदम कृषि क्षेत्र के विकास और आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। किसानों को एमएसपी का समय पर भुगतान सुनिश्चित करना कृषि क्षेत्र में स्थिरता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह नीति न केवल किसानों के हित में है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत करती है।

Agriculture Current Affair October-2024

Agriculture Current Affair October 2024

Top Best Agriculture Current Affair October-2024 1– कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान द्वारा 28 से 30 नवंबर, 2024 तक उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 13वीं राष्ट्रीय बीज कांग्रेस का आयोजन । एनएससी 2024 का थीम है- “बीज क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग, साझेदारी और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना”। 2-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीईए ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दी है। रेपसीड और सरसों के MSP में 300 रुपये, मसूर में 275 रुपये, चने में 210 रुपये, गेहूं में 150 रुपये, कुसुम में 140 रुपये, और जौ में 130 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है, जिससे किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित हो सके। 3– कैबिनेट ने 2024-25 से 2030-31 तक के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – तिलहन (एनएमईओ -तिलहन) को मंजूरी दी मिशन का लक्ष्य सात वर्षों में तिलहन उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है,मिशन, साथी पोर्टल की शुरुआत करेगा, जिसके जरिये राज्य गुणवत्तापूर्ण बीजों की समय पर उपलब्धता के लिए हितधारकों के साथ समन्वय कर सकेंगे। Agriculture Current Affair October-2024 हमारे अन्य लेख पढे : Agriculture Current Affair Septmeber-2024

Agriculture Current Affair Septmeber-2024

Agriculture Current Affair Septmeber-2024

Top Best Agriculture Current Affair September-2024 1-केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने आज भुवनेश्वर स्थित भाकृअनुप-केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान (भाकृअनुप-सीफा) में “रंगीन मछली” मोबाइल ऐप लॉन्च किया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के सहयोग से भाकृअनुप-सीफा द्वारा विकसित यह ऐप सजावटी मत्स्यपालन क्षेत्र की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है, जो शौकीनों, एक्वेरियम शॉप मालिकों और मछली पालकों के लिए महत्वपूर्ण ज्ञान संसाधन प्रदान करता है। 2-मध्य प्रदेश के किसान चिंता ना करें, सोयाबीन एमएसपी की जो दरें हैं, उस पर ही सोयाबीन खरीदी जायेगी, किसान के पसीने की पूरी कीमत दी जाएगी: श्री चौहान 3-बिहार के कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने एवं किसानों की सुविधा के लिए बिहार में खुलेगा एपीडा ऑफिस हाईब्रीड-उन्नत बीजों हेतु केंद्रीय कृषि मंत्रालय देगा सहयोग, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में अधिक राशि बिहार में कृषोन्नति योजना के लिए अच्छे परफार्मेंस के आधार पर अधिक राशि के आवंटन के निर्देश आईसीएआर के क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान व बीज उत्पादन केंद्र को बनाया जाएगा अत्याधुनिक,लीची व शहद के किसानों की सहायता के लिए निर्देश, एनआरसी मखाना का होगा सशक्तिकरण। Agriculture Current Affair Septmeber-2024 4-बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने का निर्णय लिया 5-प्याज के निर्यात शुल्क को 40% से कम कर 20% कर दिया है  6-खाद्य तेलों के आयात शुल्क को 0% से बढ़ाकर 20% कर दिया है 7 -केबिनेट ने किसानों का जीवन और आजीविका सुधारने के लिए 14235.30 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय की सात प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी Agriculture Current Affair Septmeber-2024 8 -आईसीएआर-केंद्रीय मीठा जल जीव पालन अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-सीआईएफए) में “अमृत कतला” नामक कतला (लैबियो कैटला) की आनुवंशिक रूप से बेहतर किस्म लॉन्च की । हमारे अन्य लेख – Bihar Agriculture Vacancy 2024 | Bihar Agriculture Services | New Agriculture Vacancy 2024

Bihar Agriculture Vacancy 2024 | Bihar Agriculture Services | New Agriculture Vacancy 2024

Bihar Agriculture Vacancy 2024

बिहार सहित भारत के सभी कृषि छात्रों के लिए जो कृषि की वैकेंसी का इंतजार करते हैं उनके लिए बिहार सरकार ने एक बार फिर खुशखबरी दी बिहार मत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये निर्णय़ Bihar Agriculture Vacancy 2024 पटना में दिनांक 15 अक्टूबर 2024 मंगलवार को 4:00 बजे हुई मंत्री परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री जी ने कृषि के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया।जिसमें बिहार कृषि सेवा कोटि 1 ,2, 3, 5 के सस्य , रसायन, पौधा संरक्षण व कृषि अभियंता के लिए पदों का सृजन व पुनर्गठन का निर्णय लिया गया है । यह हम सारे कृषि के छात्रों के लिए ये अच्छी खबर है ,जिससे बहुत सारे पद का सृजन होगा और अच्छी संख्या मे वैकन्सी आएगी । Bihar Agriculture Vacancy 2024 | Bihar Agriculture Services | New Agriculture Vacancy 2024 इस निर्णय को आप बिहार सरकार की वेबसाईट से डाउनलोड कर सकते है ।

गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! समिति सदस्यता एवं उपज बढोत्तरी आवेदन हेतु तिथि बढ़ाई गयी।

गन्ना किसानों

गन्ना किसानों के हित में समिति सदस्यता एवं उपज बढोत्तरी हेतु 15 दिन बढ़ायी गयी अंतिम तिथि-गन्ना आयुक्त हमारे अन्य लेख पढे : Agriculture Current Affair August-2024

Agriculture Current Affair August-2024

Agriculture Current Affair

Top Best Agriculture Current Affair August-2024 हमारे अन्य लेख पढे : पपीता की खेती करने पर बिहार सरकार दे रही 45 हजार रुपये source : Pib

Assistant Soil Conservation Officer – OPSC 2024 Vacancy

Assistant Soil Conservation Officer

Assistant Soil Conservation Officer Short Information – Assistant Soil Conservation Officer Vacany are coming from OPSC 2024 Post Name/Notification Number: Assistant Soil Conservation Officer (Advt. No. 01 of 2024-25) Important Dates: Application Begin :16/07/2024Last Date for Apply Online : 16/08/2024 Application Fees/Age Details: General / OBC : 850/-SC / ST / PH : 175/-Pay the Examination Fee Through Debit Card, Credit Card, Net Banking or E Challan Fee Mode Only –Minimum Age : 20 Years.Maximum Age : 30 Years.Age Relaxation Extra as per IBPS Specialist Officer SO XIV Recruitment Rules 2024. Assistant Soil Conservation Officer Assistant Soil Conservation Officer Vacancy Details: Post Name Total Post Eligibility  Assistant Soil Conservation Officer  81 Bachelor of science Degree in Agriculture,Horticulture,Agricultural Engineering,forestry Assistant Soil Conservation OfficerCategory wise Vacancy Details Post Name GEN SEBC EWS SC ST Total  Assistant Soil Conservation Officer 42  11    –  8  17  81 Apply Online  Click here Official website  OPSC Official Website Download Notification Clickhere     Follow Agriculture Lekh Channel Telegram – Whatsapp अन्य लेख पढे : पपीता की खेती करने पर बिहार सरकार दे रही 45 हजार रुपये

पपीता की खेती करने पर बिहार सरकार दे रही 45 हजार रुपये

पपीता की खेती

पपीता की खेती : पपीता विकास योजना (2024-25) हेतु ऑनलाईन आवेदन फॉर्म पपीता एक फल है जो बहुत ही गुणों से भरा है , पपीता की खेती की खेती करके हमारे किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते है । इसीलिए उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार राज्य योजना के तहत मुख्यमंत्री बागवानी मिशन अंतर्गत पपीता विकास योजना (2024-25) हेतु ऑनलाईन आवेदन फॉर्म जो कृषक इसकी खेती करना चाहता है वो विभागीय पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन कर सकते है ,जिससे वो लाभ पा सके आईए जानते है किस तरह – पपीता विकास योजना से संबंधित बातें– ∎योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हे०) तथा अधिकतम 10 एकड़ (4 हे०) वाले लाभ ले सकते है ।∎इस योजना के लिए पौध रोपण सामग्री हेतु सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, देसरी, वैशाली एवं प्लग टाईप नर्सरी, कटिहार तथा भोजपुर जिलों से आपूर्ति की जायेगी। समस्त योजना का लाभ पाने के लिए विभागीय वेबसाईट पर जाए : क्लिक करे पपीता  किन से जिलों मे मिलेगा लाभ – ∎पपीता का क्षेत्र विस्तार अनुदान योजना का लाभ राज्य के सभी जिलों में होगा । अनुदान कैसे प्राप्त करे – ∎इस योजनान्तर्गत प्रति हेक्टेयर पपीता की खेती के लिए अनुदान की राशि प्रथम वर्ष 33,750 रूपये तथा द्वितीय वर्ष 11,250 रूपये देय है।∎ इस योजना का लाभ रैयत कृषक, जमीन के कागजात के आधार तथा गैर रैयत कृषक एकरारनामा के आधार पर ले सकते है| ∎इच्छुक कृषक आवेदन करने से पूर्व DBT में पंजीकृत बैंक खाता सम्बंधित विवरण की जाँच स्वयं कर लें।∎नियमानुसार सहायतानुदान DBT कार्यक्रम के तहत् CFMS द्वारा भुगतान किया जायेगा।∎लाभुकों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1.44 प्रतिशत किया जायेगा एवं प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। हमारे अन्य लेख पढे : Strawberry ki kheti :स्ट्रॉबेरी की खेती करे अनुदान पर पाए 3 लाख रुपये

Strawberry ki kheti :स्ट्रॉबेरी की खेती करे अनुदान पर पाए 3 लाख रुपये

Strawberry ki kheti

स्ट्रॉबेरी की खेती करे :Strawberry ki kheti Strawberry एक तरह का फल है जो बहुत ही गुणों से भरा है , Strawberry ki kheti स्ट्रॉबेरी की खेती करके हमारे किसान भाई अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते है । इसीलिए उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार राज्य योजना के तहत मुख्यमंत्री बागवानी मिशन अंतर्गत स्ट्रॉबेरी विकास योजना (2024-25) हेतु ऑनलाईन आवेदन फॉर्म जो कृषक इसकी खेती करना चाहता है वो विभागीय पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन कर सकते है ,जिससे वो लाभ पा सके आईए जानते है किस तरह – स्ट्रॉबेरी विकास योजना से संबंधित बातें– ∎ योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हे०) तथा अधिकतम 5 एकड़ (2 हे०) के लिए देय होगा।∎ इस योजनान्तर्गत स्ट्रॉबेरी का क्षेत्र विस्तार हेतु पौधा तथा स्ट्रॉबेरी के पैकेजिंग हेतु कुट का डिब्बा एवं प्लास्टिक का छोटा डिब्बा का वितरण किया जायेगा।∎ इस योजना के कार्यान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्ट्रॉबेरी के पौध रोपण सामग्री/कुट का डिब्बा/प्लास्टिक का छोटा डिब्बा की आपूर्त्ति हेतु ई-टेंडर के माध्यम से एजेंसी का चयन किया जायेगा। Strawberry ki kheti का किन से जिलों मे मिलेगा लाभ – ∎ स्ट्रॉबेरी की खेती से स्ट्रॉबेरी का क्षेत्र विस्तार राज्य के 20 जिलों यथा गोपालगंज, जहानाबाद, लखीसराय, सारण, सुपौल, औरंगाबाद, बेगुसराय, भागलपुर, गया, कटिहार, किशनगंज, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चम्पारण, पटना, पूर्वी चम्पारण, पूर्णियाँ, समस्तीपुर एवं वैशाली में किया जायेगा। अनुदान कैसे प्राप्त करे – ∎ इस योजनान्तर्गत प्रति हेक्टेयर स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए अनुदान की राशि 3,36,000.00 रूपये देय है। कुट का डिब्बा हेतु इकाई लागत 11.00 (ग्यारह) रूपये प्रति पीस पर सहायतानुदान 40% अर्थात 4.40 प्रति पीस उपलब्ध कराया जायेगा। प्लास्टिक का छोटा डिब्बा हेतु इकाई लागत 2.50 प्रति पीस पर सहायतानुदान 40% अर्थात 1.00 प्रति पीस उपलब्ध कराया जायेगा।∎ इच्छुक कृषक को भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र/दो वर्ष पूर्व से राजस्व रसीद/ऑनलाईन रसीद/वंशावली के आधार पर विधि मान्य भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र/गैर रैयत हेतु एकरारनामा में से कोई एक दस्तावेज उपस्थापित करना अनिवार्य होगा।∎ इच्छुक कृषक आवेदन करने से पूर्व DBT में पंजीकृत बैंक खाता सम्बंधित विवरण की जाँच स्वयं कर लें।∎ नियमानुसार सहायतानुदान DBT कार्यक्रम के तहत् CFMS द्वारा भुगतान किया जायेगा।∎ लाभुकों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1.44 प्रतिशत किया जायेगा एवं प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। हमारे अन्य लेख पढे : ड्रैगन फ्रूट की खेती करे अनुदान पर कैसे ले लाभ जाने इस लेख मे

Dragon Fruit Ki kheti Kare Anudan par paye 1 Lac

Dragon Fruit Ki kheti Kare Anudan par paye 1 Lac

Dragon Fruit Ki kheti Kare Anudan par paye 1 Lac -ड्रैगन फ्रूट की खेती करे अनुदान पर कैसे ले लाभ जाने इस लेख मे ड्रैगन फ्रूट एक तरह का फल है जो बहुत ही गुणों से भरा है ,ड्रैगन फ्रूट खेती करके हमारे किसान भाई अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते है । इसीलिए उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार की तरफ से राज्य योजना के तहत मुख्यमंत्री बागवानी मिशन अंतर्गत ड्रैगन फ्रूट विकास योजना (2024-25) हेतु ऑनलाईन आवेदन फॉर्म आ चुके है , जो कृषक इसकी खेती करना चाहता है वो विभागीय पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन कर सकते है ,जिससे वो लाभ पा सके आईए जानते है किस तरह – ड्रैगन फ्रूट विकास योजना से कुछ बातें- इस योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हे०) तथा अधिकतम 10 एकड़ (4 हे०) के लिए देय होगा। क्षेत्र विस्तार के लिए पौध रोपण सामग्री की व्यवस्था किसान द्वारा स्वयं किया जायेगा। कौन से जिलों मे मिलेगा लाभ –ड्रैगन फ्रूट का क्षेत्र विस्तार राज्य के 21 जिलों अनुदान कैसे प्राप्त करे – हमारे बिहार के कृषक भाइयों को इस योजना का लाभ लेने के लिए विभागीय वेबसाईट उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा । इस योजनान्तर्गत प्रति हेक्टेयर ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए अनुदान की राशि प्रथम वर्ष 1,80,000 रूपये द्वितीय वर्ष 60,000 तथा तृतीय वर्ष 60,000 रूपये देय है।∎ इच्छुक कृषक आवेदन करने से पूर्व DBT में पंजीकृत बैंक खाता सम्बंधित विवरण की जाँच स्वयं कर लें।∎ नियमानुसार सहायतानुदान DBT कार्यक्रम के तहत् CFMS द्वारा भुगतान किया जायेगा।∎लाभुकों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1.44 प्रतिशत किया जायेगा एवं प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। हमारे अन्य लेख पढे : नारियल की खेती 21 रुपये के पौधे से सब्सिडी वाली योजना से करे खेती

Subject Matter Specialist (Agricultural Engineering)

Subject Matter Specialist (Agricultural Engineering)

Subject Matter Specialist (Agricultural Engineering) on contract Announcement Issued by Krishi Vigyan Kendra, Palakkad Notification Reference No KVKPKD/27/2024 Date of Notification Wednesday, August 7, 2024

Agriculture Current Affair July-2024

Agriculture Current Affair July-2024

Top Best Agriculture Current Affair July-2024 कृषि क्षेत्र में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम-“नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम के अंतर्गत 2019-20 से 2023-24 तक विभिन्न केपी और आर-एबीआई के माध्यम से कुल 1708 कृषि स्टार्टअप को किस्तों में 122.50 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी की गई हैं। दालों का उत्पादन –दालों का उत्पादन 2015-16 के दौरान 163.23 लाख टन से बढ़कर 2023-24 के दौरान 244.93 लाख टन हो गया है किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई योजनाएं -भारत सरकार देश में किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम लागू कर रही है। हाल ही में लॉन्च की गई कुछ योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PMKISAN), प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना (पीएम-केएमवाई), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई), एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ), राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और  हनी मिशन (एनबीएचएम), 10,000 एफपीओ का गठन और प्रचार, खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन – ऑयल पाम (एनएमईओ-ओपी) आदि शामिल हैं।     पीएम-किसान के अंतर्गत वित्तीय सहायता – भूमि-धारक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा फरवरी 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान योजना केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इस योजना के तहत, देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ तीन समान किस्तों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता है। पीएम-किसान योजना दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है।      किसानों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव –भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने जलवायु अनुकूल कृषि में राष्ट्रीय नवाचार (एनआईसीआरए) नाम से एक प्रमुख नेटवर्क परियोजना शुरू की है। इस परियोजना का उद्देश्य फसलों, पशुधन, बागवानी और मत्स्य पालन सहित कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन करना तथा कृषि में जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों को विकसित और बढ़ावा देना है, जो देश के संवेदनशील क्षेत्रों की समस्याओं से निपटेंगे। इस परियोजना के परिणाम सूखा, बाढ़, पाला, गर्मी की लहरों आदि जैसी चरम मौसम स्थितियों से ग्रस्त जिलों और क्षेत्रों को ऐसी चरम स्थितियों से निपटने में मदद करेंगे।     उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों के उपयोग को प्रोत्साहन -सरकार किसान ड्रोन, जलवायु की विभिन किस्मों, एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल, सूक्ष्म सिंचाई, सटीक खेती, मिट्टी संबंधी सेंसर, बायोफोर्टिफाइड किस्मों और डिजिटल मार्केटिंग सहित उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों एवं कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देती है। इन तकनीकों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन, नमो ड्रोन दीदी, कृषियोन्नति योजना, कृषि मशीनीकरण से संबंधित उप-मिशन और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छोटे एवं सीमांत किसानों के बीच बढ़ावा दिया जाता है। इन प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने और इनके उपयोग को बढ़ाने हेतु, सरकार ने देश में 731 कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) का एक नेटवर्क स्थापित किया है। ये KVK उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों एवं कार्यप्रणालियों का प्रदर्शन व प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ किसानों की क्षमता के विकास में भी मदद करते हैं।     प्राकृतिक रबर के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य-प्राकृतिक रबर का मूल्य खुले बाजार में मांग और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित किया जाता है,अंतर्राष्ट्रीय रबर मूल्य घरेलू मूल्यों को भी प्रभावित करता हैसरकार ने प्राकृतिक रबर के आयात को विनियमित करने के उद्देश्य से,30.4.2015 से लागू सूखे रबर के आयात पर शुल्क “20 प्रतिशत या 30 रुपये प्रति किलोग्राम से “25 प्रतिशत या 30 रुपये प्रति किलोग्राम की बाध्य दर तक, जो भी कम हो बढ़ा दिया हैसरकार ने अग्रिम लाइसेंसिंग योजना के अंतर्गत आयातित सूखे रबर के उपयोग की अवधि को जनवरी 2015 में 18 महीने से घटाकर 6 महीने कर दिया थाजनवरी 2016 में प्राकृतिक रबर के आयात के लिए प्रवेश के बंदरगाह को चेन्नई और न्हावाशेवा के बंदरगाहों तक ही सीमित कर दिया गया था। किसान उत्पादक संगठनों में महिलाओं की भागीदारी -नए एफपीओ बनाने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार केंद्रीय क्षेत्र योजना, “10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन और संवर्धन” को  लागू कर रही है। 22 जुलाई 2024 तक, 14 कार्यान्वयन एजेंसियों (आईए) को 10,000 एफपीओ आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 8780 एफपीओ पूरे देश में पंजीकृत हो चुके हैं। 22 जुलाई 2024 तक, उक्त योजना के तहत 810 एफपीओ को 100 प्रतिशत महिला सदस्य एफपीओ के रूप में पंजीकृत किया गया है। इसके अलावा, एफपीओ में कुल 19,82,835 किसानों के पंजीकरण में से 6,86,665 महिला किसान हैं।      कृषि क्षेत्र में कार्बन ट्रेडिंग तंत्र -कार्बन ट्रेडिंग तंत्र के कार्यान्वयन के लिए सरकार ने दिसंबर 2023 में कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना को अधिसूचित किया। कृषि क्षेत्र, कार्बन ट्रेडिंग के ऑफसेट तंत्र के तहत चयनित क्षेत्रों में से एक है। इस योजना के माध्यम से, संस्थाएं/किसान कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्र जारी कराने के लिए जीएचजी शमन परियोजनाओं को पंजीकृत करने में सक्षम होंगे    देश में कृषि स्टार्ट-अप -राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के “नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम के तहत समर्थित देश में कृषि स्टार्टअप की राज्यवार सूची नीचे दी गई है:“नवाचार और कृषिउद्यमिता विकास” आरकेवीवाई के तहत समर्थित देश में राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में क्षेत्रवार कृषि स्टर्टअप का विवरण समुद्री शैवाल आधारित जैविक उत्पादों और बायोस्टिमुलेंट्स को प्रोत्साहन -भारत सरकार ने किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बायोस्टिमुलेंट्स की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के तहत बायोस्टिमुलेंट्स को शामिल किया है। समुद्री शैवाल बायोस्टिमुलेंट्स की आठ श्रेणियों में से एक है।                    750 करोड़ रुपये मिलेगे कृषि उद्यमियों को सरकार जल्द ही शुरू करेगी ‘AgriSURE’ -सरकार जल्द ही स्टार्टअप और कृषि उद्यमियों को सहायता प्रदान करने के लिए ‘स्टार्ट-अप और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष’ (एग्रीश्योर) शुरू करेगी डेयरी क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ –भारत दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है,प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2024 5,00,000/- (पांच लाख रुपये मात्र) -प्रथम रैंक 3,00,000/- (तीन लाख रुपये मात्र) -दूसरी रैंक और 2,00,000/- (रुपये दो लाख मात्र) -तीसरी रैंक 2,00,000/- (दो लाख रुपये मात्र) -उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) के लिए विशेष पुरस्कार। 2024 के पुरस्कारों के दौरान राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकन 15.07.2024 से शुरू होकर राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल यानी https://awards.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन जमा किए जाएंगे और नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि 31.08.2024 होगी। पुरस्कार राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर, 2024) के अवसर पर प्रदान किए जाने हैं। पात्रता और ऑनलाइन आवेदन करने से संबंधित दिशानिर्देशों के बारे में अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट https://awards.gov.in या https://dahd.nic.in देखी जा सकती है विश्व जूनोसिस दिवस पर जन-जागरूकता बढ़ाना: सभी पशु रोग जूनोटिक नहीं होते -विश्व जूनोसिस दिवस के उपलक्ष्य में, पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा विश्व जूनोसिस दिवस की पूर्व संध्या पर पशुपालन और डेयरी सचिव (एएचडी) की अध्यक्षता

IBPS Agriculture Specialist Officer SO 2024 -बैंक मे कृषि अधिकारी बने जल्दी भरे फॉर्म

IBPS Agriculture Specialist Officer

IBPS Agriculture Specialist Officer SO- बैंक मे कृषि अधिकारी बने Name Post – IBPS Specialist Officer SO 14th Recruitment 2024 Apply Online Form 2024 Short Information – IBPS Agriculture Specialist Officer SO-बैंक मे कृषि अधिकारी बनने के लिए आपको प्री / मैंस / इंटरव्यू की तैयारी करनी होती है । इसके लिए आपके पास कृषि मे डिग्री होनी चाहिए उसके बाद आपका सिलेक्शन बैंक मे हो जाता है ,अन्य कोई जानकारी के लिए नीचे कमेन्ट जरूर करे । Post Name/Notification Number: Institute of Banking Personal Selection (IBPS)IBPS CRP SPL XIV Specialist Officer SO Recruitment 2024 Important Dates: Application Begin :01/08/2024Last Date for Apply Online : 21/08/2024Last Date Fee Payment : 21/08/2024Prelim Exam Date : November 2024Admit Card Available : Before ExamMains Exam Date : December 2024  Application Fees/Age Details: General / OBC : 850/-SC / ST / PH : 175/-Pay the Examination Fee Through Debit Card, Credit Card, Net Banking or E Challan Fee Mode Only –Minimum Age : 20 Years.Maximum Age : 30 Years.Age Relaxation Extra as per IBPS Specialist Officer SO XIV Recruitment Rules 2024. IBPS Agriculture Specialist Officer अन्य लेख पढे : भारत में कृषि स्टार्ट-अप की संख्या जाने IBPS Agriculture Specialist Officer SO Vacancy Details: Post Name Total Post Eligibility  Agriculture Field Officer (AFO)  346  4 year Degree (graduation) in Agriculture/Horticulture/Animal Husbandry/ Veterinary Science/ DairyScience/ Fishery Science/ Pisciculture/ Agri. Marketing &Cooperation/ Co-operation & Banking/ AgroForestry/Forestry/ Agricultural Biotechnology/ B.TechBiotechnology/ Food Science/ Agriculture BusinessManagement/ Food Technology/ Dairy Technology/Agricultural Engineering/ Sericulture / FisheriesEngineering IBPS Agriculture Specialist Officer SOCategory wise Vacancy Details Post Name GEN OBC EWS SC ST Total  Agriculture Field Officer (AFO) 142  92   34   52  26  346 Apply Online  Click here Official website  IBPS Official Website Download Notification Click here     Follow Agriculture Lekh Channel Telegram – Whatsapp

भारत में कृषि स्टार्ट-अप की संख्या जाने

कृषि स्टार्ट-अप

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के और कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम “नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” आरकेवीवाई के तहत समर्थित देश में राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में क्षेत्रवार कृषि स्टार्ट-अप का विवरण। क्र. सं. राज्य और केंद्रशासित प्रदेश कुल स्टार्टअप की संख्या 1 आंध्र प्रदेश 61 2 अरुणाचल प्रदेश 13 3 असम 49 4 बिहार 48 5 छत्तीसगढ़ 79 6 गोवा 2 7 गुजरात 47 8 हरियाणा 84 9 हिमाचल प्रदेश 33 10  जम्मू-कश्मीर 24 11 झारखंड 7 12 कर्नाटक 211 13 केरल 97 14 मध्य प्रदेश 68 15 महाराष्ट्र 226 16 मणिपुर 22 17 मेघालय 2 18 मिजोरम 25 19 नगालैंड 2 20 ओडिशा 61 21 पंजाब 52 22. राजस्थान 66 23 तमिलनाडु 137 24 तेलंगाना 98 25 त्रिपुरा 13 26 उत्तर प्रदेश 86 27 उत्तराखंड 32 28 पश्चिम बंगाल 17 29 दिल्ली एनसीआर 41 30 अंडमान – निकोबार 1 31 चंडीगढ़ 3 32 पांडिचेरी 1   कुल 1708 कृषि स्टार्ट-अप भारत सरकार कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों में कृषि स्टार्टअप को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम के पोषण के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके नवाचार और कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2018-19 से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत “नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास” कार्यक्रम को लागू कर रहा है। अब तक, कृषि स्टार्टअप के प्रशिक्षण और इनक्यूबेशन तथा इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए 5 नॉलेज पार्टनर्स (केपी) और 24 आरकेवीवाई एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर (आर-एबीआई) स्थापित किए गए हैं। भारत सरकार द्वारा कृषि स्टार्ट-अप को प्रदान की जा रही सहायता कृषि स्टार्ट-अप के फायदे अन्य लेख पढे : 750 करोड़ रुपये मिलेगे कृषि उद्यमियों को सरकार जल्द ही शुरू करेगी ‘AgriSURE’ source: PIB

750 करोड़ रुपये मिलेगे कृषि उद्यमियों को सरकार जल्द ही शुरू करेगी ‘AgriSURE’

Agrisure

स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमियों के लिए Agrisure कृषि कोष अन्य लेख जरूर पढे : नारियल की खेती 21 रुपये के पौधे से सब्सिडी वाली योजना से करे खेती

नारियल की खेती 21 रुपये के पौधे से सब्सिडी वाली योजना से करे खेती

नारियल

21.5 रुपये मे नारियल का पौधा अनुदान मे ले बिहार सरकार से यह एक नई योजना है। नारियल पेड़ (कोकोस न्युसीफेरा) दुनिया का सर्वाधिक उपयोगी पेड़ है। इसका प्रत्येक हिस्सा किसी न किसी रूप में मानव के लिए उपयोगी है। इसे ध्यान में रखते हुए बिहार जैसे नारियल के अपरम्परागत क्षेत्र में नारियल पौधा रोपण कराना Coconut Scheme Bihar बिहार उद्यान विभाग का मुख्य उद्देश्य है। नारियल बागवानी के लिए सरकारी सब्सिडी: जानें कैसे करें लाभ उठाने की तैयारी सबसे पहले हमारे बिहार के किसान भाईओ का अपना पंजीकरण कृषि विभाग के डी.बी.टी. पोर्टल (http://dbtagriculture.bihar.gov.in) पर पंजीकृत होना आवश्यक है। आवेदन की प्रक्रिया लाभार्थी चयन की पात्रता एवं प्रक्रिया अनुदान देने की प्रक्रिया नारियल पौधा वितरण योजना (2024-25) हेतु ऑनलाईन आवेदन फॉर्म हमारे अन्य लेख पढे : 10 भारतीय राज्य जो राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं

10 भारतीय राज्य जो राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं

10 भारतीय राज्य जो राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं

कृषि क्षेत्र: भारत की आर्थिक स्थिरता का आधार भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। विभिन्न राज्यों की अपनी विशिष्ट फसलें और कृषि पद्धतियां हैं, जो राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। आइए, भारत के उन शीर्ष 10 राज्यों पर एक नज़र डालें, जो राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक योगदान देते हैं: 1. उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश अपने विशाल आकार और कृषि उत्पादन के कारण सबसे आगे है। यह राज्य गेहूं, चावल, गन्ना और दालों का प्रमुख उत्पादक है। उत्तर प्रदेश की खेती न केवल राज्य की खाद्य सुरक्षा में बल्कि राष्ट्रीय खाद्य बास्केट में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। 2. पंजाब “भारत का अन्न भंडार” के रूप में प्रसिद्ध, पंजाब गेहूं और चावल उत्पादन में अग्रणी है। यह राज्य उच्च पैदावार और कुशल कृषि पद्धतियों के लिए जाना जाता है। राष्ट्रीय कृषि जीडीपी में इसका योगदान काफी महत्वपूर्ण है। 3. महाराष्ट्र महाराष्ट्र गन्ना, कपास और तिलहन जैसी नकदी फसलों में एक प्रमुख राज्य है। इस राज्य का मजबूत कृषि बुनियादी ढांचा और कृषि-व्यवसाय पर ध्यान राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में इसके योगदान को और बढ़ाता है। 4. मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश सोयाबीन, गेहूं और दालों का प्रमुख उत्पादक है। विविध कृषि परिदृश्य के साथ, यह राज्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और समग्र कृषि जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है। 5. आंध्र प्रदेश आंध्र प्रदेश चावल, गन्ना और कपास उत्पादन में अग्रणी है। इस राज्य में एक अच्छी तरह से विकसित सिंचाई नेटवर्क और कुशल विपणन प्रणालियाँ हैं। ये तत्व राष्ट्रीय कृषि जीडीपी में इसके महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाते हैं। 6. कर्नाटक कर्नाटक का कृषि क्षेत्र न केवल विविध है बल्कि राष्ट्रीय कृषि निर्यात में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह राज्य कॉफी, गन्ना और चावल उत्पादन में अग्रणी है, जो इसके घरेलू उत्पादन के साथ-साथ इसकी स्थिति को और मजबूत करता है। 7. गुजरात गुजरात कपास, मूंगफली और अरंडी के बीजों का प्रमुख उत्पादक है। इस राज्य ने बागवानी और डेयरी खेती में भी उल्लेखनीय प्रगति की है, जो राष्ट्रीय कृषि जीडीपी में लगातार योगदान दे रहा है। 8. राजस्थान हालांकि राजस्थान प्रमुख खाद्यान्न उत्पादक राज्य नहीं है, यह बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है और तिलहन उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। शुष्क वातावरण में अपने लचीलेपन के लिए जाना जाने वाला इसका कृषि क्षेत्र राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 9. तमिलनाडु भारत में नारियल, केला और गन्ने का प्रमुख उत्पादक, तमिलनाडु का नकदी फसल उत्पादन पर ध्यान और एक अच्छी तरह से विकसित सिंचाई प्रणाली राष्ट्रीय कृषि जीडीपी में उल्लेखनीय योगदान करती है। 10. हरियाणा पंजाब की तरह, हरियाणा गेहूं और चावल का प्रमुख उत्पादक है। साथ ही इस राज्य में डेयरी खेती पर भी जोर है। यह राष्ट्रीय कृषि जीडीपी में लगातार योगदान देता है। निष्कर्ष भारत के कृषि क्षेत्र में ये शीर्ष 10 राज्य अपने विशिष्ट योगदान के लिए जाने जाते हैं। उनकी विविधता और उत्पादन क्षमता राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है और खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इन राज्यों के समर्पण और उन्नत कृषि पद्धतियों के कारण, भारत की कृषि अर्थव्यवस्था निरंतर प्रगति कर रही है। हमारे और लेख पढे : Farmer Registry(फार्मर रजिस्ट्री) क्या है जाने

Farmer Registry(फार्मर रजिस्ट्री) क्या है जाने

Farmer Registry

एग्री स्टैक योजनान्तर्गत फार्मर रजिस्ट्री एग्री स्टैक का उद्देश्य किसानों के लिए सस्ता ऋण उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट स्थानीयकृत और विशिष्ट सलाह और बाजारों तक सुविधाजनक पहुंच प्राप्त करना आसान बनाना है। एग्री स्टैक का उद्देश्य सरकार के विभिन्न हितधारकों द्वारा विभिन्न किसान और कृषि केंद्रित लाभदायक योजनाओं की योजना बनाना और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है। उत्तर प्रदेश के सभी भूमिधर/डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री) का क्रियान्वयन किसानों का डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री): योजना का उद्देश्यः योजना से संभावित लाभः फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने का कार्य दो चरणों में कराया जाना निर्धारित किया गया है। प्रथम चरण में 01 जुलाई, 2024 से 31 जुलाई, 2024 तक स्थानीय कार्मिकों के माध्यम से सघन अभियान चलाकर यह कार्य सम्पादित किया जायेगा। इसके बाद ‌द्वितीय चरण में 01 अगस्त, 2024 से इसे कृषकों के लिए खोल दिया जायेगा, जिससे अवशेष कृषकों द्वारा अपने फार्मर रजिस्ट्री(Farmer Registry) की कार्यवाही को उपलब्ध कराये गए मोबाइल एप के माध्यम से स्वयं अथवा जन सुविधा केंद्र के माध्यम से किया जा सके। हमारे और लेख पढे – 2024-25 के लिए खरीफ फसलों का MSP: किसानों के लिए खुशखबरी CLICK करे source :Upagriculture,Agristack