स्ट्रॉबेरी की खेती करे :Strawberry ki kheti
Strawberry एक तरह का फल है जो बहुत ही गुणों से भरा है , Strawberry ki kheti स्ट्रॉबेरी की खेती करके हमारे किसान भाई अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते है । इसीलिए उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार राज्य योजना के तहत मुख्यमंत्री बागवानी मिशन अंतर्गत स्ट्रॉबेरी विकास योजना (2024-25) हेतु ऑनलाईन आवेदन फॉर्म जो कृषक इसकी खेती करना चाहता है वो विभागीय पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन कर सकते है ,जिससे वो लाभ पा सके आईए जानते है किस तरह –
स्ट्रॉबेरी विकास योजना से संबंधित बातें–
∎ योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हे०) तथा अधिकतम 5 एकड़ (2 हे०) के लिए देय होगा।
∎ इस योजनान्तर्गत स्ट्रॉबेरी का क्षेत्र विस्तार हेतु पौधा तथा स्ट्रॉबेरी के पैकेजिंग हेतु कुट का डिब्बा एवं प्लास्टिक का छोटा डिब्बा का वितरण किया जायेगा।
∎ इस योजना के कार्यान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्ट्रॉबेरी के पौध रोपण सामग्री/कुट का डिब्बा/प्लास्टिक का छोटा डिब्बा की आपूर्त्ति हेतु ई-टेंडर के माध्यम से एजेंसी का चयन किया जायेगा।
Strawberry ki kheti का किन से जिलों मे मिलेगा लाभ –
∎ स्ट्रॉबेरी की खेती से स्ट्रॉबेरी का क्षेत्र विस्तार राज्य के 20 जिलों यथा गोपालगंज, जहानाबाद, लखीसराय, सारण, सुपौल, औरंगाबाद, बेगुसराय, भागलपुर, गया, कटिहार, किशनगंज, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चम्पारण, पटना, पूर्वी चम्पारण, पूर्णियाँ, समस्तीपुर एवं वैशाली में किया जायेगा।
अनुदान कैसे प्राप्त करे –
∎ इस योजनान्तर्गत प्रति हेक्टेयर स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए अनुदान की राशि 3,36,000.00 रूपये देय है। कुट का डिब्बा हेतु इकाई लागत 11.00 (ग्यारह) रूपये प्रति पीस पर सहायतानुदान 40% अर्थात 4.40 प्रति पीस उपलब्ध कराया जायेगा। प्लास्टिक का छोटा डिब्बा हेतु इकाई लागत 2.50 प्रति पीस पर सहायतानुदान 40% अर्थात 1.00 प्रति पीस उपलब्ध कराया जायेगा।
∎ इच्छुक कृषक को भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र/दो वर्ष पूर्व से राजस्व रसीद/ऑनलाईन रसीद/वंशावली के आधार पर विधि मान्य भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र/गैर रैयत हेतु एकरारनामा में से कोई एक दस्तावेज उपस्थापित करना अनिवार्य होगा।
∎ इच्छुक कृषक आवेदन करने से पूर्व DBT में पंजीकृत बैंक खाता सम्बंधित विवरण की जाँच स्वयं कर लें।
∎ नियमानुसार सहायतानुदान DBT कार्यक्रम के तहत् CFMS द्वारा भुगतान किया जायेगा।
∎ लाभुकों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1.44 प्रतिशत किया जायेगा एवं प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।
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